Saturday, 13 June 2015

Friendship

ज़िन्दगी  के इस  कश्मकश  मैं
     वैसे तो  मैं  भी काफ़ी बिजी  हुँ ,
     लेकिन  वक़्त  का  बहाना  बना कर ,
अपनों  को भूल जाना मुझे आज भी नहीं आता !

जहाँ यार याद न आए वो तन्हाई किस काम की,
बिगड़े रिश्ते न बने तो खुदाई किस काम की, 
बेशक अपनी मंज़िल तक जाना  है ,

           पर  जहाँ से अपना दोस्त ना दिखे
               वो ऊंचाई  किस  काम  की!!
Good Morning.
Happy Sunday! !

Thursday, 11 June 2015